शांति और परिवार
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- ध्वनि
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शांति के सिद्धांत
सच्चाई का सिद्धांत मन में निहित और केंद्रित है। यह हादिर्कता, ईमानदारी और भक्ति के साथ आता है। सच्चाई का सिद्धांत मन की अंतरात्मा में शांति की समृद्धि को बढ़ाता है। वास्तव में, यह माता-पिता और भाई-बहनों के शुद्ध और गविर्त मन से पूरी तरह से भरा परिवार का दिल है।
स्पष्ट बात और हमारा सबसे महत्वपूर्ण दायित्व है मानव समाज में सही विवेक का पता लगाने के लिए प्रयास करना, एसा विवेक जो सबसे सम्माननीय है, आदरणीय है, जिसका तर्क नहीं दिया जा सकता है।
◎ परिवार कठिन संघर्षों का एक कठोर क्षेत्र है, जहाँ परिवार के स्वयंसिद्ध सत्य को, अंतरात्मा को बढ़ावा देने के लिए साझा और सूचित किया जाता है।
◎ बदले में अधिकारों की माँग नहीं करते हुए दायित्वों और कर्तव्यों का पालन करने का कर्म, मूल आधार है जहाँ विवेक अंकुरित होता है।
◎ सच्चाई का सिद्धांत सभी को शांति प्रदान करता है।
टकराव
भौतिकवाद जो भौतिक लालच पर केंद्रित है, व्यक्तियों के हित के साथ, हमेशा मनोदशा की महत्वाकांक्षाओं से निपटने के लिए टकराव पैदा करता है।
यह एक कायर का मूल व्यवहार है और एक अजनबी गिने जाने से अलग नहीं है।
◎ एक व्यक्ति जो बुरा बोलता है और दूसरों के धन और समृद्धि के बारे में विकृत दृष्टिकोण रखता है, वह वही है जो मानसिक और भौतिक दोनों तरह से गरीब है।
◎ साथ में आने वाले कर्तव्यों को अनदेखा करते हुए, अधिकारों के लिए एकतरफ़ा दावे का कृत्य एक नासमझ व्यक्ति का व्यवहार है।
◎ भौतिकवाद संघर्ष और विवादों को बढ़ाता है।
शांति, सुख और समृद्धि बनाने और बनाए रखने के लिए, सत्य, सद्बुण, स्पष्टता और सुंदरता की भावना में, सच्चे और सही तरीके से अपने मन का उपयोग करें।
यह दिव्यसंरक्षण और स्वर्ग का फरमान है, जिसके लिए हमें स्वर्ग और पृथ्वी के लिए प्रतिज्ञाएँ करनी चाहिए।
‘मनुष्य के लिए एक मार्ग’ में से लिया गया एक संदेश,
2 जनवरी 1981